जिस्मानी मोहब्बत

कोई लगाता है बहाना मोहब्बत का,
तो कोई प्यार या इश्क का,
नोच लेते हैं,
ये झूठे प्यार करने वाले,
जिस्म उस,
पापा की जान का…
 
ले गए नर्क में, 
तुम उस प्यार को, 
जो तुम्हें इस दुनिया में लाया है, 
तुम अपने जिस्म के साथ तो खेली हो, 
मगर उस, 
माँ बाप के सर को, 
तुमने नीचे झुकाया है… 
 
चार दिन की चांदनी को तुम अपना समझ कर, 
तुमने अपने – अपनों के विस्वास से खेला है 
तुम्हें उस जिस्मानी शक्स का प्यार सच्चा लगा, 
अपनों के रूहानी, 
मोहब्बत से तुमने नोच – नोच खेला है.. 
 
मैं कहता हूँ, 
प्यार करो सच्चा करो , अच्छा करो, 
हो सके, 
तो छुपाऔ मत, 
और, 
जिसने भी तुमसे जिस्मानी मोहब्बत का, 
जिक्र भी कर लिया, 
मैं कहता हूँ उस माँ बाप की तरफ देखो, 
उससे प्यार करो मत… 
 
#तुम्हारा_Khanna 

 
 
 
 

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